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जय श्री राम 🙏

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श्रीराम मंदिर, अयोध्या - Shri Ram Mandir, Ayodhya
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श्री बजरंग बाण

Aarti, Arti, arati Sangrah, Shri Bajrang baan | श्री बजरंग बाण का पाठ - rammandir-ayodhya.com
जय बजरंग बली

Bajrang Baan - बजरंग बाण

हनुमान जी को संकटमोचन भी कहा जाता है. कहते हैं जब विपदा बहुत प्रबल हो जाए, हर कार्य में निराशा हाथ लगे तब हनुमान जी की पूजा और बजरंग बाण का पाठ करने से सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. बजरंग बाण को बहुत प्रभावशाली माना गया है. हनुमान जी की कृपा पाने के लिए विशेषकर मंगलवार और शनिवार को ये पाठ करना उत्तम माना गया है. मान्यता है कि बजरंग बाण का पाठ करने से व्यक्ति को कभी भी गंभीर रोग नहीं सताता. साथ ही, वह हर प्रकार के रोग और अन्य दोषों से मुक्ति पाता है. - किसी भी कार्य में निश्चित रूप से सफलता पाने के लिए मंगलवार के दिन बजरंग बाण का पाठ करना चाहिए. इसे करने से व्यक्ति को जीवन में सफलता मिलती है.

दोहा
निश्चय प्रेम प्रतीति ते, बिनय करैं सनमान
तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ।।

चौपाई

जय हनुमंत संत हितकारी। सुन लीजै प्रभु अरज हमारी
जन के काज बिलंब न कीजै। आतुर दौरि महा सुख दीजै

जैसे कूदि सिंधु महिपारा। सुरसा बदन पैठि बिस्तारा
आगे जाय लंकिनी रोका। मारेहु लात गई सुरलोका

जाय बिभीषन को सुख दीन्हा। सीता निरखि परमपद लीन्हा
बाग उजारि सिंधु महँ बोरा। अति आतुर जमकातर तोरा

अक्षय कुमार मारि संहारा। लूम लपेटि लंक को जारा
लाह समान लंक जरि गई। जय जय धुनि सुरपुर नभ भई

अब बिलंब केहि कारन स्वामी। कृपा करहु उर अंतरयामी
जय जय लखन प्रान के दाता। आतुर ह्वै दुख करहु निपाता

जै हनुमान जयति बल-सागर। सुर-समूह-समरथ भट-नागर
ॐ हनु हनु हनु हनुमंत हठीले। बैरिहि मारु बज्र की कीले

ॐ ह्नीं ह्नीं ह्नीं हनुमंत कपीसा। ॐ हुं हुं हुं हनु अरि उर सीसा
जय अंजनि कुमार बलवंता। शंकरसुवन बीर हनुमंता

बदन कराल काल-कुल-घालक। राम सहाय सदा प्रतिपालक
भूत, प्रेत, पिसाच निसाचर। अगिन बेताल काल मारी मर

इन्हें मारु, तोहि सपथ राम की। राखु नाथ मरजाद नाम की
सत्य होहु हरि सपथ पाइ कै। राम दूत धरु मारु धाइ कै

जय जय जय हनुमंत अगाधा। दुख पावत जन केहि अपराधा
पूजा जप तप नेम अचारा। नहिं जानत कछु दास तुम्हारा

बन उपबन मग गिरि गृह माहीं। तुम्हरे बल हौं डरपत नाहीं
जनकसुता हरि दास कहावौ। ताकी सपथ बिलंब न लावौ

जै जै जै धुनि होत अकासा। सुमिरत होय दुसह दुख नासा
चरन पकरि, कर जोरि मनावौं। यहि औसर अब केहि गोहरावौं

उठु, उठु, चलु, तोहि राम दुहाई। पायँ परौं, कर जोरि मनाई
ॐ चं चं चं चं चपल चलंता। ॐ हनु हनु हनु हनु हनुमंता

ॐ हं हं हाँक देत कपि चंचल। ॐ सं सं सहमि पराने खल-दल
अपने जन को तुरत उबारौ। सुमिरत होय आनंद हमारौ

यह बजरंग-बाण जेहि मारै। ताहि कहौ फिरि कवन उबारै
पाठ करै बजरंग-बाण की। हनुमत रक्षा करै प्रान की

यह बजरंग बाण जो जापैं। तासों भूत-प्रेत सब कापैं
धूप देय जो जपै हमेसा। ताके तन नहिं रहै कलेसा

दोहा :

उर प्रतीति दृढ़, सरन ह्वै, पाठ करै धरि ध्यान ।
बाधा सब हर, करैं सब काम सफल हनुमान ।।

Temple 🔗

The Ram Mandir Trust has set December 2023 as the deadline and the temple will be open for devotees from January 2024.

Hotel In Ayodhya 🔗

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Places To See In Ayodhya 🔗

The top attractions to visit in Ayodhya are: Shri Ram Janma Bhoomi, Hanuman Garhi Mandir, Kanak Bhavan Temple, Sita Ki Rasoi

रामायण के प्रसिद्ध पात्र

Kaushalya - कौशल्या

रामायण में 'कौशल्या' के चरित्र का परिचय देने से पहले, हमें इस महाकाव्य की महत्त्वपूर्ण बातों के बारे में जानना चाहिए। रामायण वाल्मीकि ऋषि द्वारा लिखित एक प्राचीन भारतीय काव्य है, जो हिंदी साहित्य का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है। यह महाकाव्य भगवान राम के जीवन की कथा को विस्तृतता से बताता है, जिसमें वे अवतार लेते हैं और भूमिका निभाते हैं। इसमें कई महत्वपूर्ण चरित्र हैं, जो कथा को रंगीन बनाते हैं, और 'कौशल्या' उनमें से एक है।

'कौशल्या' राजा दशरथ की पत्नी और भगवान राम की माता हैं। वे दिव्य सुंदरता और गुणों से परिपूर्ण हैं। कौशल्या का नाम इन्द्रियों को संतुष्ट करने वाली और धर्म की प्रतिष्ठा को बढ़ाने वाली विशेषताओं को दर्शाता है। वे एक पतिव्रता और समर्पित स्त्री हैं, जो अपने पति के प्रति वफादारी और प्रेम का परिचय देती हैं। उनका प्रामाणिक और सर्वोच्च प्रेम उन्हें एक आदर्श पत्नी बनाता है।

कौशल्या को रामजी के आदेशों का पालन करने में खुशी होती है और वे उनके संकल्पों को सहजता से पूरा करती हैं। उन्होंने अपने पुत्र को आदर्श शिक्षा दी है और उन्हें जीवन के सार्थक तत्वों का ज्ञान दिया है। कौशल्या भक्ति, संयम और शान्ति की प्रतीक हैं, जिनका वे उदाहरण प्रदान करती हैं।

कौशल्या के चरित्र में धैर्य, साहस और समर्पण की गुणवत्ता होती है। जब उन्हें पति दशरथ के आदेश पर वनवास के लिए राम को भेजना पड़ता है, तो उन्होंने अपने बेटे के निर्माण में एक महत्त्वपूर्ण योगदान दिया। वे शोक और वियोग के समय भी अपनी आत्मा को सांत्वना देती हैं। उन्होंने अपने पुत्र को आदर्श राजा बनाने के लिए उन्हें समर्पित किया है। उन्होंने राम के न्यायपालन के लिए अपने पति से अनुमति प्राप्त की है, जिससे वे धर्म और न्याय के प्रतिष्ठान में अपनी भूमिका को निभा सकें।

कौशल्या की प्रेमभरी व्यक्तित्व राम के जीवन में महत्त्वपूर्ण है। वे अपने पुत्र के प्रति अपना सबसे गहरा संवेदनशील प्यार प्रदर्शित करती हैं। उनकी मातृभावना, उनके भक्ति और प्रेम के प्रतीक हैं और यह उन्हें एक महान और आदर्श माता बनाता है। उन्होंने अपने जीवन में सभी को प्रेम और समर्पण का उदाहरण प्रदान किया है।

संक्षेप में कहें तो, 'कौशल्या' रामायण के महत्वपूर्ण चरित्रों में से एक हैं, जो भगवान राम की माता हैं। उनके चरित्र में धैर्य, साहस, समर्पण और प्रेम की गुणवत्ता होती है। कौशल्या एक आदर्श पत्नी, समर्पित माता और समाज की सेवक हैं, जो अपने पुत्र के उदारता और दया के आदर्श को प्रदर्शित करती हैं। उन्होंने राम के न्यायपालन के लिए अपने पति का समर्थन किया है और उन्हें आदर्श राजा बनाने में मदद की है।



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|| सिया राम जय राम जय जय राम ||

News Feed

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2024 में होगी भव्य प्राण प्रतिष्ठा

श्री राम जन्मभूमि मंदिर के प्रथम तल का निर्माण दिसंबर 2023 तक पूरा किया जाना था. अब मंदिर ट्रस्ट ने साफ किया है कि उन्होंने अब इसके लिए जो समय सीमा तय की है वह दो माह पहले यानि अक्टूबर 2023 की है, जिससे जनवरी 2024 में मकर संक्रांति के बाद सूर्य के उत्तरायण होते ही भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की जा सके.

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रामायण कालीन चित्रकारी होगी

राम मंदिर की खूबसूरती की बात करे तो खंभों पर शानदार नक्काशी तो होगी ही. इसके साथ ही मंदिर के चारों तरफ परकोटे में भी रामायण कालीन चित्रकारी होगी और मंदिर की फर्श पर भी कालीननुमा बेहतरीन चित्रकारी होगी. इस पर भी काम चल रहा है. चित्रकारी पूरी होने लके बाद, नक्काशी के बाद फर्श के पत्थरों को रामजन्मभूमि परिसर स्थित निर्माण स्थल तक लाया जाएगा.

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अयोध्या से नेपाल के जनकपुर के बीच ट्रेन

भारतीय रेलवे अयोध्या और नेपाल के बीच जनकपुर तीर्थस्थलों को जोड़ने वाले मार्ग पर अगले महीने ‘भारत गौरव पर्यटक ट्रेन’ चलाएगा. रेलवे ने बयान जारी करते हुए बताया, " श्री राम जानकी यात्रा अयोध्या से जनकपुर के बीच 17 फरवरी को दिल्ली से शुरू होगी. यात्रा के दौरान अयोध्या, सीतामढ़ी और प्रयागराज में ट्रेन के ठहराव के दौरान इन स्थलों की यात्रा होगी.